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पालकों का आंदोलन रंग लाया : पीछे हटे स्कूल, बच्चें की परीक्षाएं की रद्द
उज्जैन।लॉकडाउन के कारण प्रदेश के सभी स्कूल बंद हैं, प्रायवेट स्कूल संचालक बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। करीब डेढ़ माह से चल रही ऑनलाइन पढ़ाई की फीस के लिए बच्चों के पालकों को सूचनाएं भेजी गई जिसका पालकों ने क्रिस्ट ज्योति और सेंटमेरी स्कूल पहुंचकर विरोध किया। गुरुवार को सेंटमेरी स्कूल में फीस माफी और परीक्षा रद्द करने की मांग लेकर पहुंचे पालकों की एक मांग मानते हुए बच्चों की परीक्षाएं रद्द कर दी, लेकिन फीस माफी को लेकर अब तक निर्णय नहीं लिया गया है।
यह था मामला:
क्रिस्ट ज्योति स्कूल प्रबंधन द्वारा अपने स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की फीस जमा कराने के लिए पालकों को मोबाइल पर मैसेज भेजे, साथ ही परीक्षा का टाइम टेबल भी भेज दिया। इसको लेकर पालकों में आक्रोश व्याप्त हो गया और बड़ी संख्या में बुधवार को पालक एकत्रित होकर क्रिस्ट ज्योति स्कूल पहुंचे जहां स्कूल प्रबंधन को फीस मांगने पर विरोध दर्ज कराया साथ परीक्षा रद्द करने की मांग की। स्कूल प्रिंसीपल ने फीस माफी पर शासन की गाइड लाइन का पालन करने की बात बच्चों के पालकों से कही साथ ही परीक्षा आयोजित न करने पर विचार का आश्वासन दिया था। इसी प्रकार का मामला गुरुवार को सेंटमेरी स्कूल में भी हुआ। यहां भी बच्चों के पालक नो स्कूल, नो फीस की बात कहकर विरोध दर्ज कराने स्कूल पहुंचे। सेंटमेरी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से चर्चा के बाद कोठी पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था।
यह हुआ निर्णय
प्रायवेट स्कूल संचालकों द्वारा ऑन लाइन पढ़ाई के बाद बच्चों के परिजनों से फीस वसूलने का व्यापक विरोध होने के बाद क्रिस्ट ज्योति और सेंटमेरी स्कूल प्रबंधन ने एक कदम पीछे हटते हुए परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है, लेकिन स्कूल बंद होने के बावजूद नये जून माह से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने का हवाला देते हुए जुलाई माह तक की फीस जमा करने पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसको लेकर स्कूल प्रबंधन और पालकों के बीच गतिरोध बरकरार है।
पालकों की मांग फीस माफ हो
प्रायवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पालकों का कहना है कि नया शिक्षा सत्र जून माह में प्रारंभ होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस वर्ष बच्चे स्कूल गये ही नहीं हैं, ऑनलाइन पढ़ाई भी अधिकांश बच्चों को समझ नहीं आ रही और स्कूल कब से खुलेंगे यह भी निश्चित नहीं है ऐसे में स्कूल प्रबंधन को फीस माफ करना चाहिये। बच्चों के परिजनों का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से प्रायवेट नौकरी करने वालों और व्यापार करने वालों की आर्थिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ा है ऐसे में स्कूल की भारी भरकम फीस जमा करना भी मुश्किल हो रहा है।